फास्ट फूड के लती 45 फीसदी बच्चे ओवरवेट पाए जा रहे हैं। इनमें एसिडिटी, पेट में दर्द, जलन, भूख कम लगना जैसी परेशानी भी हैं। प्रतिरोधक क्षमता भी कम पाई जा रही है। आगरा में बाल रोग विशेषज्ञ अभिभावकों को इसकी लत छुड़वाकर पौष्टिक भोजन पर जोर दे रहे हैं।
फास्ट फूड खाने वाले बच्चों में आठ से 14 साल तक के बच्चे ज्यादा हैं। इनमें औसत वजन 24 से 44 किलो होना चाहिए, लेकिन इनमें आठ से 12 किलो ज्यादा वजन मिला। यह बच्चे सप्ताह में तीन से पांच दिन फास्ट फूड खाकर पेट भरते हैं।
इन बीमारियों की भी है खतरा
फास्ट फूड से पेट भर जाने के बाद यह पौष्टिक भोजन (हरी तरकारी, सलाद, दालें, चपाती, फल) नहीं करते। इनमें अधिकांश बच्चे संपन्नपरिवार के और मेल हैं। इन बच्चों में औरों के मुकाबले शारीरिक गतिविधियां भी कम पाई गई। चिकित्सक मानते हैं ऐसे बच्चों में आगे चलकर मधुमेह और उच्च रक्तचाप की बीमारी का भी खतरा अधिक रहता है।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निखिल चतुर्वेदी ने बताया कि 40-45 फीसदी बच्चे ओवरवेट मिल रहे हैं। फास्ट फूड में कई हानिकारक तत्व होते हैं जो मोटापा बढ़ाते हैं, भूख कम करते हैं। लंबे समय तक ऐसा होने से बच्चे ओवरवेट के साथ कई बीमारियां के शिकार होने लगते हैं। इनमें प्रतिरोधक क्षमता और शारीरिक विकास भी प्रभावित मिला।